हरे पेड़ यूँ लगते
हरे पेड़ यूँ लगते ************* हरे पेड़ यूँ लगते मानो पूजा गॄह हों हरे भरे सुबह शाम जिनकी शीतल छाया सजदे की मुद्रा में नत हों क्षितिजों को छू लेती हैं जिनके सिर पर स्वर्णकलश सी सूर्य किरण चमका करती हैं जिनपर बने घोंसले हर दिन साँझ सकारे उठ उठकर...