डूबकर डूबा नही हरसूद
डूबकर डूबा नही हरसूद ******************** (लम्बी कविता का अंश ) इसी नर्मदा की पावन देही की शल्य क्रिया कर वास्तुविदों संग तुमने ऊँचा बाँँध बनाया और छीन ली रेवा उन आदि निवासी वनचर वनवासी समाज से जो मेहनत कर रेवा के बल पर जीते थे उन्हें भिखारी बना दिया युग...