रुँ -रुँ बाजा रुँगताडा
रुँ -रुँ बाजा रुँगताडा ***************** लगे लबारी ढोल पीटने नाच रहे गलियों में नंगे भिन्न -भिन्न फिरकों में बँट कर भड़काते रहते दंगे ऐसे ऐसे काम करे ये ज्यों यमराजों के पाडा़ रुँ -रुँ – – – – -!! समीकरण सब फेल हो रहे अव्वल पास हुई बेकारी नौजवान लाचार...