ऐसे में कैसे

ऐसे में कैसे
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ऊँट चाहे जिस करवट बैठे
रेगिस्तान में अच्छा लगता है
जहाँ वह कररवटें बदल -बदल कर
रेत के पहाडो़ से खुद को और
दूसरों को बचाता है
लेकिन जब वह बगीचों में आने पर भी
करवटें लेना नही छोडे़
तो ऐसे में क्या पूरे बगीचे को
रेत का पहाड़ बनने देंगे
या ऊँट को नकेल लगायेंगे आप ?
(श्री प्रेमशंकर रघुवंशी जी के कविता संग्रह “ तुम पूरी पृथ्वी हो कविता ” से उद्धृत )