प्रेम -3

प्रेम -3
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तुमने देखा
और मैं
आकाश हो गया
एक दम तना हुआ ।
(श्री प्रेमशंकर रघुवंशी जी के कविता संग्रह “तुम पूरी पृथ्वी हो कविता ” से उद्धृत )

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