Category: कृतियाँ

डा. प्रेमशंकर रघुवंशी की समस्त कृतियाँ (Books by Dr. Premshankar Raghuvanshi)

0

अकेलापन – अन्तस के निर्झर

अकेलापन -4 ************ अकेलापन : अशोक होकर भी शोक बोता है विजयी होकर भी पराजित कर्लिंग होता है । (श्री प्रेम शंकर रघुवंशी जी के कविता संग्रह ” अन्तस के निर्झर ” से उद्धृत ) आज की कविता में अकेलेपन की मनःस्थिति के अन्तर में समाए गम और मन के...

5

नहीं रहने के बाद भी

संविधान के पृष्ठ पर🍡——————-🍡—– तो एक जुट होकरस्वतंत्रता संग्राम में उतरने कातय किया उननेफिर ऐसा हुआ किपूरा का पूरा राष्ट्र हीहो लिया साथ——सभी को साथ साथएकजुट देख अपनीसिट्टी पिट्टी भूलकर सातसमंदर पार चली गईपरतंत्रताऔर बलिवेदी पर सिध्द मंत्र की तरह प्रकट हो गईस्वाधीनता सबके बीच स्वाधीनता बनाम आजादीबनाम मुक्ति ने...