Category: समस्त

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हर जगह अब भी

हर जगह अब भी *************** गाँव में परिवार से जाना जाता कस्बे में तहसील से शहर में परगने से इलाकों में प्रदेश से परदेश में भारत से जाना जाता द्वीपों में एशिया महाद्वीप से कहने को तो विश्व मानव के नाम से भी जाना जाता लेकिन हर जगह अब भी...

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“संविधान के पृष्ठ पर “कविता का शेष और अन्तिम अंश

इसके बाद वे सबअपने -अपने तंतर -मंतरअपने -अपने धतकरम मेंमशगूल हो जाते हैं——-और स्वाधीनता इन कारनामों को देखते- सुनतेजाने कब सो जाती फिर से जिसे उठाने के बहानेबीच -बीच में उसके कान के पास जाकर जोर से समाजवाद चिल्लाता है ‘,तो कोई साम्यवाद, कोई बाज़ारवाद, कोई सम्प्रदायवाद, तो कोई अलगाववाद...