Author: admin

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नहीं रहने के बाद भी

संविधान के पृष्ठ पर🍡——————-🍡—– तो एक जुट होकरस्वतंत्रता संग्राम में उतरने कातय किया उननेफिर ऐसा हुआ किपूरा का पूरा राष्ट्र हीहो लिया साथ——सभी को साथ साथएकजुट देख अपनीसिट्टी पिट्टी भूलकर सातसमंदर पार चली गईपरतंत्रताऔर बलिवेदी पर सिध्द मंत्र की तरह प्रकट हो गईस्वाधीनता सबके बीच स्वाधीनता बनाम आजादीबनाम मुक्ति ने...

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देखा बिना नाम के तुम्हे

    प्रेमशंकर रघुवंशी  का नया काव्‍य संग्रह ‘देखा, बिना नाम के तुम्‍हें’ अपने नाम के अनुरूप उस काव्‍य दृष्टि का परिचय देता है, जो जीवन-जगत के दृश्‍य-अदृश्‍य उन हलचलों-खामोशियों को देख लेती है जिनका आमतौर पर कोई नात नहीं होता। अनाम भावनाओं-संवेदनाओं को एक नाम देने की काव्‍यगत  कोशिश...